2025 के लिए सबसे सरल और अपडेटेड income tax calculator से जानें आपकी taxable income और कितना टैक्स बनता है। Old और New Regime में तुलना करें, छूट का पूरा लाभ लें और गलतियों से बचें।
देश में हर साल लाखों लोग अपनी कमाई पर टैक्स भरते हैं, लेकिन कितनों को सच में यह पता होता है कि उनका टैक्स सही तरीके से कैलकुलेट हुआ है या नहीं? खासकर जब आपके पास income tax calculator जैसी सुविधा है, तो टैक्स का सही अनुमान लगाना काफी आसान हो जाता है।

साल 2025-26 के लिए आयकर नियमों में कुछ अपडेट्स आए हैं और ऐसे में यह जानना जरूरी है कि old tax regime आपके लिए फायदेमंद है या new regime. अगर आप वेतनभोगी कर्मचारी हैं, या खुद का बिज़नेस करते हैं, या फिर रिटायर्ड व्यक्ति हैं—हर वर्ग के लिए income tax calculator एक जरूरी उपकरण बन गया है।
Income Tax Calculator
Head | Details/ Amt. |
---|---|
Gross Income | |
Exemptions u/s 10 A (HRA etc.) | |
Professional Tax | |
Net Income under Salaries | 0.00 |
Standard Deduction (Auto Applied) | 50000 |
Deductions u/s 80 C (PF, PPF, Ins, ELSS, NPS: Max Rs.150000) | |
Deductions u/s 80 CCD (NPS: Max Rs. 50000/-) | |
Deductions u/s 80 D (Health Insurance: Max Rs. 35000/- ) | |
Deductions u/s 80 G (Eligible Donations) | |
Deductions u/s 80 E (Education Loan Interest) | |
Deductions u/s 80 TTA (FD/Post Office Interest: Max Rs. 40000/-) | |
Tax Benefit u/s 24 (Home Loan Interest Paid: Max Rs. 200000/-) | |
Total Deductions/Benefits | 0.00 |
इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे:
- Income Tax Calculator क्या होता है और ये कैसे काम करता है
- नई टैक्स स्लैब और छूटें क्या हैं
- कौनसा टैक्स विकल्प आपके लिए बेहतर है
- टैक्स बचत की रणनीतियाँ
Income Tax Calculator क्या है और ये कैसे काम करता है?
Income tax calculator एक ऑनलाइन टूल है जिसकी मदद से आप अपनी सालाना कमाई, कटौतियों (deductions), और टैक्स स्लैब के आधार पर कुल देय टैक्स का अनुमान लगा सकते हैं। यह टूल खासतौर पर उन लोगों के लिए लाभकारी है जिन्हें यह पता नहीं होता कि उन्हें कौनसी छूट मिल सकती है और किन आय पर कितना टैक्स लगेगा।
Income Tax Calculator कैसे काम करता है:
इनपुट | विवरण |
---|---|
Annual Income | आपकी सालाना कुल आय (सैलरी + अन्य स्रोत) |
Age Category | 60 से कम, 60+, 80+ |
Tax Regime | Old या New Regime |
Deductions | 80C, 80D, HRA, आदि |
Final Output | कुल टैक्स देनदारी (Tax Payable) |
यह टूल आमतौर पर इनपुट्स मांगता है जैसे:
- आपकी उम्र
- सालाना कमाई
- निवेश और कटौती की जानकारी
- HRA और अन्य भत्तों की जानकारी
ये सभी डेटा मिलाकर टूल यह तय करता है कि आपको कितना टैक्स देना है।
आप इस तरह के सरकारी टूल को incometax.gov.in पर देख सकते हैं जहां बहुत ही साधारण भाषा में जानकारी दी गई है और टैक्स कैलकुलेशन करने का विकल्प भी मौजूद है।
FY 2025-26 के लिए Income Tax Slabs – Old vs New Regime
नीचे दी गई तालिका से आप यह समझ सकते हैं कि कौनसे income पर कितना टैक्स देना होगा और दोनों विकल्पों में क्या फर्क है।
Old Tax Regime Slabs:
सालाना आय (₹) | टैक्स रेट |
---|---|
₹0 – ₹3,00,000 | 0% (शून्य) |
₹3,00,001 – ₹6,00,000 | 5% |
₹6,00,001 – ₹9,00,000 | 10% |
₹9,00,001 – ₹12,00,000 | 15% |
₹12,00,001 – ₹15,00,000 | 20% |
₹15,00,001 से ऊपर | 30% |
Note: इस व्यवस्था में आप कई तरह की कटौतियाँ और छूट (जैसे 80C, 80D, HRA) क्लेम कर सकते हैं।
New Tax Regime Slabs (2025-26):
सालाना आय (₹) | टैक्स रेट |
---|---|
₹0 – ₹4,00,000 | 0% (शून्य) |
₹4,00,001 – ₹8,00,000 | 5% |
₹8,00,001 – ₹12,00,000 | 10% |
₹12,00,001 – ₹16,00,000 | 15% |
₹16,00,001 – ₹20,00,000 | 20% |
₹20,00,001 – ₹24,00,000 | 25% |
₹24,00,001 से ऊपर | 30% |
New Regime में अधिक slabs हैं लेकिन इसमें deductions क्लेम करने का विकल्प सीमित होता है।
सरकार ने FY 2023-24 के बजट से इस व्यवस्था को और सरल बनाने की कोशिश की है। आप यहाँ से आधिकारिक बजट हाइलाइट्स भी देख सकते हैं जो इस व्यवस्था की जानकारी देती हैं।
लेख का अगला भाग बताएगा कि आप step-by-step अपने टैक्स की गणना कैसे कर सकते हैं और कौनसा टैक्स सिस्टम आपके लिए सही है।
Step-by-Step: Income Tax कैसे Calculate करें?
Income tax की गणना कई लोगों को मुश्किल लगती है, लेकिन एक बार जब आप बेसिक कॉन्सेप्ट समझ लेते हैं और सही डेटा डालते हैं, तो ये काम बेहद आसान हो जाता है। यहां एक सरल प्रक्रिया दी गई है जो आपको अपने टैक्स की सही गणना करने में मदद करेगी।
चरण 1: अपनी कुल सालाना आय का निर्धारण करें
सबसे पहले, अपनी पूरी सालाना आय का हिसाब लगाएं। इसमें आपकी:
- बेस सैलरी
- HRA (House Rent Allowance)
- अन्य भत्ते (Allowances)
- फ्रीलांस या अन्य आय
- ब्याज या किराये की आय
ये सभी जोड़कर आपको gross income मिलती है।
चरण 2: छूट और कटौती (Deductions) को घटाएं
अब, आपकी आय पर मिलने वाली छूटों को कम किया जाएगा। यह छूटें अलग-अलग sections के अंतर्गत आती हैं:
Section | विवरण | अधिकतम सीमा |
---|---|---|
80C | PPF, ELSS, LIC आदि | ₹1.5 लाख |
80D | स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम | ₹25,000 – ₹1 लाख |
24(b) | होम लोन पर ब्याज | ₹2 लाख |
इन कटौतियों के बारे में पूरी जानकारी और पात्रता NSDL की साइट पर उपलब्ध है।
चरण 3: टैक्स स्लैब के अनुसार देनदारी निकालें
अब आप जो Net Taxable Income पाएंगे, उस पर लागू टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स की गणना करें। यदि आप Old Regime में हैं, तो उपरोक्त कटौतियां लागू होती हैं। यदि आपने New Regime चुना है, तो आपको छूट नहीं मिलेगी, लेकिन टैक्स रेट कम होंगे।
उदाहरण के लिए:
यदि आपकी कुल आय ₹9 लाख है और आपने Old Regime चुना है:
- ₹1.5 लाख (80C) + ₹25,000 (80D) = ₹1.75 लाख की छूट
- ₹9 लाख – ₹1.75 लाख = ₹7.25 लाख Net Taxable Income
- इसके अनुसार टैक्स कैलकुलेट होगा
आप चाहें तो Groww के टूल की मदद से भी यही प्रक्रिया ऑनलाइन कर सकते हैं।
Old vs New Regime Calculator – कौनसा आपके लिए बेहतर है?
बहुत से लोगों के मन में यह सवाल होता है कि उन्हें Old Regime चुननी चाहिए या New Regime। इसका उत्तर हर व्यक्ति के आय और निवेश के ढांचे पर निर्भर करता है।
तुलना (Comparison):
पहलू | Old Regime | New Regime |
---|---|---|
Deductions की अनुमति | हां (80C, 80D आदि) | नहीं |
स्लैब रेट्स | कम स्लैब, अधिक रेट | अधिक स्लैब, कम रेट |
उपयुक्तता | जिनके पास high investments हैं | जिनके पास कम investments हैं |
यदि आप नियमित रूप से PPF, LIC, NPS जैसी योजनाओं में निवेश करते हैं, तो Old Regime आपके लिए बेहतर हो सकती है। वहीं अगर आपके पास ज़्यादा छूट नहीं है, तो New Regime सरल और फायदेमंद हो सकती है।
कुछ ऑनलाइन portals आपको instant comparison देते हैं कि कौनसी regime में आपको कितना टैक्स देना होगा। इस विषय पर Policybazaar पर भी विस्तृत जानकारी दी गई है।
लेख के अगले भाग में हम चर्चा करेंगे टैक्स बचाने के सर्वोत्तम उपायों (tax saving tips) और ऐसे deductions जिनसे middle-class salaried लोगों को सबसे ज़्यादा फायदा हो सकता है।
High Tax Saving Tips – FY 2025-26 के लिए प्रभावी रणनीतियाँ
अगर आप चाहते हैं कि आपकी टैक्स देनदारी कम हो और आप legal तरीकों से अधिक बचत कर सकें, तो इसके लिए कुछ बेहतरीन विकल्प मौजूद हैं। Income tax calculator का इस्तेमाल करके आप इन विकल्पों का असर पहले ही देख सकते हैं और योजना बना सकते हैं।
नीचे कुछ प्रमुख tax saving strategies दी गई हैं जो वेतनभोगी, फ्रीलांसर और प्रोफेशनल्स सभी के लिए उपयोगी हैं:
1. Section 80C – सबसे लोकप्रिय टैक्स बचत विकल्प
यह section हर टैक्सपेयर्स के लिए महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इसकी सीमा ₹1.5 लाख तक है और इसके तहत कई निवेश विकल्प शामिल हैं:
विकल्प | न्यूनतम लॉक-इन | जोखिम स्तर | अनुमानित रिटर्न |
---|---|---|---|
PPF (Public Provident Fund) | 15 वर्ष | कम | 7.1% (सरकारी निर्धारित) |
ELSS (Equity Linked Saving Scheme) | 3 वर्ष | मध्यम से उच्च | 12-15% तक |
Sukanya Samriddhi Yojana | बच्ची की उम्र पर निर्भर | कम | 8%+ |
इन योजनाओं के बारे में जानकारी और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया India Post की साइट पर उपलब्ध है।
2. Section 80D – स्वास्थ्य बीमा और मेडिकल खर्च
अपने और परिवार के स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर टैक्स छूट मिलती है:
- खुद और परिवार के लिए: ₹25,000
- सीनियर सिटीजन माता-पिता के लिए: ₹50,000
- Total possible deduction: ₹75,000 तक
इसके अलावा preventive health check-up पर ₹5,000 तक की अतिरिक्त छूट ली जा सकती है। इन प्रावधानों का पूरा विवरण IRDAI की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है।
3. NPS – National Pension Scheme में निवेश
NPS एक लंबी अवधि की पेंशन योजना है जिसमें आप Section 80CCD(1B) के तहत ₹50,000 की अतिरिक्त छूट प्राप्त कर सकते हैं। यह ₹1.5 लाख (80C) से अलग होती है, जिससे कुल छूट ₹2 लाख तक हो सकती है।
NPS में निवेश करने के फायदे:
- लॉन्ग टर्म रिटायरमेंट प्लानिंग
- मार्केट-लिंक्ड रिटर्न
- टैक्स में अतिरिक्त बचत
आप चाहें तो enps.nsdl.com के माध्यम से सीधा ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
4. HRA और Home Loan Deductions
यदि आप किराये के मकान में रहते हैं और HRA मिलता है, तो आप धारा 10(13A) के अंतर्गत छूट क्लेम कर सकते हैं। साथ ही यदि आपके पास होम लोन है, तो Section 24(b) के तहत ₹2 लाख तक का ब्याज टैक्स फ्री हो सकता है।
इन दोनों लाभों को आप एक साथ भी क्लेम कर सकते हैं यदि आपने एक शहर में घर खरीदा है लेकिन दूसरे में नौकरी कर रहे हैं।
Income Tax Calculator में इन कटौतियों को कैसे जोड़ें?
जब आप किसी ऑनलाइन income tax calculator का उपयोग करते हैं, तो वहां पर आमतौर पर आपको एक section मिलता है “Deductions under 80C, 80D, etc.” जहां आप ये सारी जानकारी दर्ज करते हैं। इससे आपकी टैक्स देनदारी तुरंत घट जाती है और आपको दोनों Regimes का कम्पेरिजन भी मिल जाता है।
आगे लेख में हम समझेंगे कि कौनसे आय वर्ग (low, mid, high) को कौनसी tax regime चुननी चाहिए और क्या उनके लिए कोई विशेष रणनीति होनी चाहिए।
आय के अनुसार सर्वश्रेष्ठ टैक्स रेजीम कैसे चुनें?
हर व्यक्ति की आय, खर्च और निवेश की स्थिति अलग होती है, इसलिए एक जैसी टैक्स योजना सबके लिए उपयुक्त नहीं होती। यही कारण है कि Old और New Regime में से चुनाव सोच-समझकर करना चाहिए। नीचे विभिन्न income groups के लिए उपयुक्त रणनीति दी गई है।
1. ₹5 लाख तक की आय – कोई टैक्स नहीं
इस वर्ग में आने वाले लोगों को दोनों Regimes में ₹5 लाख तक की आय पर rebate under Section 87A के अंतर्गत 100% टैक्स छूट मिलती है। इसलिए चाहे आप कोई भी Regime चुनें, टैक्स ज़ीरो ही रहेगा।
फायदा: अगर आप Old Regime में रहते हैं तो आप निवेश की आदत बना सकते हैं और ELSS, PPF जैसे विकल्पों का लाभ ले सकते हैं।
2. ₹5 – ₹10 लाख की आय – समझदारी से तय करें
इस आय वर्ग के टैक्सपेयर्स को दोनों विकल्पों का मूल्यांकन करना चाहिए। यदि आपकी 80C, 80D और HRA जैसी कुल deductions ₹2 लाख से अधिक हैं, तो Old Regime बेहतर हो सकती है।
विवरण | Old Regime | New Regime |
---|---|---|
छूट ₹2 लाख से ज़्यादा | बेहतर | नुकसान |
छूट ₹1 लाख से कम | नुकसान | बेहतर |
आप Tax Department की साइट पर दी गई calculator से वास्तविक अंतर को देख सकते हैं।
3. ₹10 लाख से ऊपर की आय – लॉन्ग टर्म प्लान ज़रूरी
इस वर्ग के टैक्सपेयर्स को लॉन्ग टर्म सेविंग्स पर ज़ोर देना चाहिए। यदि आप NPS, PPF, होम लोन और मेडिक्लेम जैसे विकल्पों में निवेश करते हैं, तो Old Regime से काफी लाभ मिल सकता है।
लेकिन, यदि आपकी आय स्थिर है और आप निवेश नहीं करना चाहते, तो New Regime में टैक्स रेट कम हैं और प्रोसेस आसान है।
Quick Check Table: कौनसी Regime आपके लिए सही?
Net Annual Income | Deduction राशि | उपयुक्त Regime |
---|---|---|
₹4.8 लाख | कोई नहीं | कोई भी (Rebate लागू) |
₹7 लाख | ₹2.2 लाख | Old Regime |
₹9 लाख | ₹50,000 | New Regime |
₹12 लाख | ₹3 लाख | Old Regime |
इस तरह की तुलना करने के लिए आप ClearTax की टैक्स कैलकुलेटर का भी उपयोग कर सकते हैं, जो detailed breakdown भी देती है।
कब और कैसे Regime को बदल सकते हैं?
यदि आप salaried हैं, तो हर financial year की शुरुआत में आपको अपने employer को यह बताना होता है कि आप Old Regime चुनना चाहते हैं या New Regime। Income tax calculator से आंकलन करके यह निर्णय लें।
Business या Freelance करने वाले लोग एक बार चुनी गई Regime को बार-बार नहीं बदल सकते, इसलिए निर्णय सोच-समझकर लें।
आगे लेख में हम समझेंगे income tax return भरते समय किन common mistakes से बचना चाहिए और कैसे income tax calculator का सही इस्तेमाल करके इन्हें टाला जा सकता है।
Income Tax Return भरते समय होने वाली आम गलतियां और उनसे बचाव
कई बार लोग income tax return भरते समय ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जो बाद में नोटिस, जुर्माना या रिफंड में देरी का कारण बनती हैं। सही जानकारी और सही income tax calculator का उपयोग करके इनसे बचा जा सकता है।
1. गलत टैक्स रेजीम चुनना
ज्यादातर लोग बिना तुलना किए New या Old Regime चुन लेते हैं। हर taxpayer को सरकारी कैलकुलेटर या किसी अच्छे ऑनलाइन टूल से दोनों रेजीम के तहत अपना टैक्स compare करना चाहिए।
सलाह: हर साल financial year शुरू होने से पहले दोनों विकल्पों की तुलना जरूर करें।
2. Deductions और छूट की गलत जानकारी देना
कई बार लोग सोचते हैं कि उन्होंने जितना निवेश किया है वह अपने आप system में reflect हो जाएगा। लेकिन ऐसा तभी होता है जब आप employer के पास proofs जमा करते हैं या खुद ITR में claim करते हैं।
उदाहरण:
- यदि आपने ₹1.5 लाख PPF में डाला है लेकिन उसे declare नहीं किया, तो उसका लाभ नहीं मिलेगा।
- Medical insurance प्रीमियम को भूल जाना बहुत आम गलती है।
3. सही फॉर्म न चुनना
ITR फॉर्म selection गलत होना ITR reject होने का बड़ा कारण है। जैसे कि:
- Salaried और एक house property वाले लोगों के लिए: ITR-1 (Sahaj)
- Freelancers या two house properties वालों के लिए: ITR-2 या ITR-3
आप इस ऑफिशियल गाइड से सही फॉर्म की पुष्टि कर सकते हैं।
4. Advance Tax या Self-Assessment Tax को नजरअंदाज करना
यदि आपकी सालाना टैक्स देनदारी ₹10,000 से ज्यादा है, तो आपको समय-समय पर advance tax भरना जरूरी होता है। इसका सही कैलकुलेशन income tax calculator से किया जा सकता है।
Important Dates:
- 15 जून: 15%
- 15 सितंबर: 45%
- 15 दिसंबर: 75%
- 15 मार्च: 100%
5. रिफंड के लिए गलत बैंक विवरण देना
कई बार taxpayer बैंक अकाउंट नंबर या IFSC गलत भर देते हैं जिससे refund अटक जाता है। हमेशा re-check करें और जहां संभव हो, pre-validate अकाउंट करें।
इनकम टैक्स पोर्टल पर जाकर अकाउंट validate करना आज बेहद आसान है।
निष्कर्ष: Smart Tax Planning का अर्थ
Tax बचत केवल साल के अंत में investment कर देने तक सीमित नहीं है। ये एक रणनीतिक, साल भर चलने वाली प्रक्रिया है। एक अच्छा और up-to-date income tax calculator न सिर्फ आपको टैक्स liability का अंदाज़ा देता है बल्कि वह आपको सही decisions लेने में भी मदद करता है।
मुख्य Takeaways:
- अपनी आय और deductions की सही जानकारी रखें
- हर साल दोनों Regimes की तुलना जरूर करें
- Section 80C, 80D, NPS, और HRA जैसे सेक्शन का पूरी तरह लाभ लें
- ITR फॉर्म और filing प्रोसेस में कोई गलती न करें
FAQ
Income tax calculator कैसे काम करता है?
Income tax calculator आपकी सालाना आय, deductions, और टैक्स स्लैब के अनुसार कुल टैक्स का अनुमान लगाता है।
Old और New Regime में से कौन सा बेहतर है?
अगर आप ज़्यादा निवेश करते हैं तो Old Regime फायदेमंद हो सकती है, वरना New Regime में कम टैक्स रेट्स हैं।
क्या income tax calculator से exact refund पता चल सकता है?
नहीं, यह केवल अनुमान देता है। Refund में TDS और अन्य payments भी शामिल होते हैं।
क्या यह calculator salaried और freelancer दोनों के लिए काम करता है?
हां, आप source of income चुनकर दोनों प्रकार की income को calculate कर सकते हैं।
Income tax calculator में कौन-कौन से sections cover होते हैं?
Section 80C, 80D, 80CCD(1B), HRA, standard deduction आदि का लाभ इसमें शामिल होता है।